बहुत समय पहले की बात है, एक सुंदर और हरा-भरा जंगल था, जिसे जादुई जंगल कहा जाता था।
उस जंगल में नन्हा चिड़ा मोनू रहता था। मोनू बहुत ही चंचल और प्यारा था। उसे उड़ना और गाना बहुत पसंद था।
एक दिन मोनू ने सोचा कि क्यों न जादुई जंगल के गहरे हिस्से में जाया जाए और वहां की सैर की जाए।
उसने अपने पंख फैलाए और उड़ चला। उड़ते-उड़ते वह जंगल के गहरे हिस्से में पहुंच गया।
वहां उसने देखा कि एक बड़ा और चमकीला फूल खिला हुआ है। मोनू ने उस फूल के पास जाकर देखा तो वह हैरान रह गया।
फूल के अंदर एक छोटा-सा परीकथा का द्वार था। मोनू ने जैसे ही द्वार खोला, वह एक नए और अद्भुत दुनिया में पहुंच गया।
वहां उसने देखा कि सभी जानवर बातें कर रहे हैं और खुश होकर खेल रहे हैं। मोनू ने उनसे पूछा, "यह कौन-सी जगह है?"
एक खरगोश ने मुस्कुराते हुए कहा, "यह जादुई दुनिया है, यहां हर कोई खुश और सुरक्षित रहता है। यहां कोई दुख और दर्द नहीं है।"
मोनू ने वहां खूब मस्ती की और नए दोस्त बनाए।
उसे वहां का समय बहुत अच्छा लगा। लेकिन फिर उसे अपने घर की याद आई और उसने वापस जाने का फैसला किया।
जाते-जाते सभी जानवरों ने उसे अलविदा कहा और उसके लिए एक छोटा-सा उपहार भी दिया। वह उपहार एक जादुई पंख था, जिससे मोनू जब चाहता, उस जादुई दुनिया में जा सकता था।
मोनू वापस अपने घर आ गया और अपने दोस्तों को अपनी अद्भुत यात्रा के बारे में बताया।
अब जब भी उसे समय मिलता, वह जादुई पंख का इस्तेमाल करके उस जादुई दुनिया में जाकर मस्ती करता।
और इस तरह, मोनू की हर दिन नई-नई कहानियों से भरी रहती थी। वह खुश और संतुष्ट था कि उसे जादुई जंगल का रहस्य पता चल गया था।
शिक्षा: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि दुनिया में हर जगह सुंदरता और खुशी छिपी हुई है, बस हमें उसे खोजने और महसूस करने की जरूरत है।
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