एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में अर्जुन नाम का एक नन्हा बच्चा रहता था। अर्जुन का दिल बहुत बड़ा था और उसे जानवरों से बहुत प्यार था। एक दिन, अर्जुन अपने माता-पिता के साथ जंगल की सैर पर गया।

जंगल में घुमते-घुमते अर्जुन अपने माता-पिता से बिछड़ गया। वह घबराया लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। अर्जुन ने सोचा कि वह जंगल में ही अपने दोस्तों को ढूंढ़ेगा जो उसकी मदद कर सकते हैं।
कुछ दूर चलने के बाद, अर्जुन ने एक घायल हिरण को देखा। वह तुरंत हिरण के पास गया और उसे सहलाते हुए कहा, "डरो मत, मैं तुम्हारी मदद करूंगा।" अर्जुन ने अपने छोटे से बैग में से पानी निकालकर हिरण को पिलाया और उसे आराम से लेटने दिया।
हिरण ने अपनी आंखों में कृतज्ञता दिखाई और अर्जुन को इशारे से अपने दोस्तों के पास ले गया। वहां जंगल के जानवर - बंदर, हाथी, और पक्षी - सभी इकट्ठे हुए थे। अर्जुन ने उन्हें अपनी समस्या बताई और सबने मिलकर एक योजना बनाई।
हाथी ने अपने बड़े पैरों से रास्ता बनाया, बंदर ने ऊँचे पेड़ों से देखने की जिम्मेदारी ली, और पक्षियों ने हवा में उड़कर अर्जुन के माता-पिता की तलाश की। कुछ ही देर में, पक्षियों ने अर्जुन के माता-पिता को ढूंढ़ निकाला और उन्हें अर्जुन के पास ले आए।
अर्जुन के माता-पिता ने अपने बेटे को सुरक्षित देखकर राहत की सांस ली और जंगल के जानवरों का धन्यवाद किया। अर्जुन ने सबको गले लगाया और कहा, "आप सभी मेरे सच्चे दोस्त हो।"
इस घटना के बाद, अर्जुन और जंगल के जानवरों के बीच एक गहरा संबंध बन गया। अर्जुन जब भी जंगल जाता, उसके दोस्त हमेशा उसका स्वागत करते और उसे नई-नई जगहों की सैर कराते।
सिख:
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हिम्मत और दोस्ती के बल पर हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं। नन्हें अर्जुन ने दिखाया कि प्यार और करुणा से हम दुनिया को एक बेहतर जगह बना सकते हैं।
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